राजस्थान की लोकदेवियाँ
करणी माता
> करणी माता दुनिया में चूहों की देवी के रूप में जनि जाती है |> करणी माता का मंदिर बीकानेर से 35 km दूर देशनोक नामक स्थान पर है | करणी माता चारण जाती की कुल देवी है |
> मारवाड़ तथा बीकानेर के राठोड शासक अपनी कुल देवी मानते है |
> राव जोधा जी के रजा बनने के पस्यात जोधपुर के किले की नीव करणी माता द्वारा ही डाली गई थी |
> राव बिका ने करणी माता के आशीर्वाद से ही बीकानेर की नीव डाली थी |
> नवरात्रों में देशनोक में मेला भरता है
karani mata
> Karani Mata is known in the world as the Goddess of rats.
> Karani Mata's temple is located at Deshnok, 35 km away from Bikaner. Karni Mata Charan is a total goddess of caste.
> Rathod rulers of Marwar and Bikaner consider their total goddess.
> Rao Jodha ji's proposal to become a raja, the foundation of Jodhpur's fort was cast by the mother.
> Rao Bika had laid the foundation of Bikaner with the blessings of Karani Mata.
> In Navratri, fair is celebrated in Deshnok
केला देवी माता
> केला देवी का मंदिर करोली में स्थित है |
> केला देवी करोली के यदुवंस कि कुलदेवी है | हर वर्ष यहाँ चेत्र मास की सुकला अस्ठ्मीको त्रिकुट पर्वत की छोटी पर लकी मेला भरता है |kela devi mata
> The temple of Kela Devi is located in Karoli.> Kali Devi is Kuldevi, the Yaduvans of Karoli. Every year, here is the Sukla Aththi of Chaitra Masak, which fills the small fair at the Trikuta Mountains.
शिला देवी
> शिला देवी का प्रशिद्ध मंदिर आमेर जयपुर में स्थित है> 16 सदी में आमेर राज्ये के सासक मानसिंह ने पूर्वी बंगाल के विजय के पश्यात इस देवी को आमेर के राजभवनो के मध्ये स्थापित किया |
> Temple of Shila Devi is situated in Amre Jaipur
> In the 16th century, Sasak Mansingh of Aamer states established this goddess in the Raj Bhavan of Amer in the pinnacle of East Bengal's victory.
जीण माता
> जीण माता का मंदिर सीकर जिले के रेवासा गाव में स्थित है |> जीण माता चोहानो की कुल देवी है
> हर्ष पर्वत पर स्थित शिलालेख के अनुसार जीणमाता के मंदिर का निर्माण पृथ्वीराज चोहान 1st के शासन काल में करवाया गया था |
> Jain Mata's temple is located in the Ravasana village of Sikar district.
> Jeet Mata Chouhano is the total goddess
> According to the inscription on Harsh Mountain, the temple of Jeenmata was constructed during Prithviraj Chauhan 1st rule.
शीतला माता
> शीतला माता का प्रशिद्ध मंदिर चाकसू जयपुर में स्थित है |
> इस देवी की पूजा खंडित मूर्ति के रूप में की जाती है | इस देवी का वाहन गधा तथा पुजारी कुमार होते है |
> चाकसू में प्रतिवर्ष शीतलाष्टमी को शीतलामाता के मेले का आयोजन किया जाता है |
> Pritish Temple of Sheetla Mata is located in Chakusu Jaipur.
> This goddess is worshiped as a fragmented idol. This goddess has a donkey and a Pujari Kumar.
> Shilamatma fair is organized every year in Chakusu.
नारायणी माता
> नारायणी माता का मंदिर अलवर की राजगढ तहसील में स्थित है | नारायणी माता नाइयो की कुलदेवी है |
> नारायणी माता का मंदिर 11 वी सदी में प्रतिहार शेली में निर्मित है |
> ओर मीना जाती भी नारायणी माता को अपनी आर्द्ध्ये देवी मानती है |
> Narayani Mata's temple is located in the rajgarh tehsil of Alwar. Narayani Mata is the Kuldevi of Naiyo.
> The temple of Narayani Mata is built in Pratihar Shelley in the 11th century.
> Meena Jati also considers Narayani mother as her goddess.
छिक माता
> छिक माता का मंदिर जयपुर में स्थित है | माघ सुधि सप्तमी को छिक माता की पूजा की जाती है |> Chikh Mata's temple is located in Jaipur. Magha Sudhi Saptami is worshiped on the Mother's Mother.
अम्बिका माता
> अम्बिका माता का मंदिर जगत udaipur राजस्थान में स्थित है जो सक्ति पीठ कहलाता है |
> Ambika Mata's temple is located in udaipur Rajasthan, which is called Shakti Peeth.
सकराय माता
> सकराय माता का मंदिर सीकर जिले में स्थित है |
> सकराय माता खण्डेलवालो की कुलदेवी मानी जाती है |
> Sakarya Mata's temple is located in Sikar district.
> Sakarya mother is considered Kuldevi of Khandelwala.
सचियाय माता
> सचियाय माता का मंदिर जोधपुर जिले ओसिया नामक स्थान पर स्थित है |
> ये ओसवालो की कुलदेवी है
> सचियाय माता के मंदिर का निर्माण परमार राजकुमार उपलदेव ने करवाया था |
> Sachyayya Mata's temple is located in a place called Jodhpur district, Oceania.
> It is Kuldevi of Osvallo
> The temple of Sachyayya Mata was built by Parmar Rajkumar Upeldev.
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